Book Details
- Publisher : Hind Pocket Books; First edition (1 January 2015)
- Language : Hindi
- Paperback : 160 pages
- ISBN-10 : 8121620333
- ISBN-13 : 9788121620338
- Item Weight : 220 g
- Country of Origin : India
Description
युगप्रवर्तक साहित्यकार नरेन्द्र कोहली के आदर्श जीवन के रोचक संस्मरण नरेन्द्र कोहली वर्तमान काल के सर्वोत्कृष्ट और सर्वाधिक लोकप्रिय साहित्यकार ही नहीं हैं, बल्कि एक उत्तम व्यक्ति, उत्कृष्ट शिक्षक और आदर्श गुरु भी हैं। उनकी छत्राछाया में रहकर जितने शिष्य उपलब्धि को प्राप्त हुए हैं, उनकी संख्या किसी भी अन्य गुरु के शिष्यों से कहीं अधिक है। उनके शिष्यों की देश के अग्रणी व्यंग्यकारों, कहानीकारों, उपन्यासकारों, नाटककारों, रंगकर्मियों और संपादकों में गणना होती है। अपने दिग्दर्शक साहित्य द्वारा ही नहीं, बल्कि अपने शिष्यों के भविष्य-निर्माण के माध्यम से भी नरेन्द्र कोहली ने देश और समाज का भविष्य निर्मित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है। प्रेम जनमेजय नरेन्द्र कोहली के ऐसे ही सफल शिष्यों में से एक हैं। वे देश के चोटी के व्यंग्यकार और व्यंग्य-संपादक हैं। उन्हें नरेन्द्र कोहली के संभवतः सर्वाधिक निकट रहने और जानने-समझने का अवसर मिला है। दूसरे शब्दों में, नरेन्द्र कोहली उनके हिस्से में संभवतः सर्वाधिक आए हैं। अपने हिस्से के नरेन्द्र कोहली को उन्होंने इस पुस्तक में बहुत ही रोचक शैली में इस तरह प्रस्तुत किया है कि संस्मरणों की पुस्तक होते हुए भी यह उपन्यास का-सा मजा देती है और जनमेजय की ही तरह पाठक को भी नरेन्द्र कोहली के आदर्श जीवन से प्रेरणा लेकर सफल होने के गुरु-मंत्रा देती है।