Roj Savere: Lokapriy Lekhak Kee Chunee Huee Shreshth Kahaaniyain (Hindi) (Paperback)- Narendra Kohli
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Roj Savere: Lokapriy Lekhak Kee Chunee Huee Shreshth Kahaaniyain (Hindi) (Paperback)- Narendra Kohli

Narendra Kohli
    ISBN 9788121617673
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Book Details
  • Publisher ‏ : ‎ Hind Pocket Books; 1st edition (1 January 2012)
  • Language ‏ : ‎ Hindi
  • Paperback ‏ : ‎ 184 pages
  • ISBN-10 ‏ : ‎ 8121617677
  • ISBN-13 ‏ : ‎ 9788121617673
  • Item Weight ‏ : ‎ 151 g
  • Dimensions ‏ : ‎ 20 x 14 x 4 cm
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Description

लोकप्रिय लेखक की चुनी हुई श्रेष्ठ कहानियां विभिन्न विधाओं में लिखने पर भी मैं मूलतः कथाकार हूं। कहानियां लिखूं, बड़ी कहानियां लिखूं, छोटा उपन्यास लिखूं अथवा बड़ा उपन्यास “हूं मैं कथाकार ही।” नरेन्द्र कोहली नरेन्द्र कोहली को आज की जि़ंदगी यथार्थ से परे लगती है, क्योंकि मिथ्या धारणाओं, असंगतियों और जटिल परिस्थितियों के कारण सुख - चैन से जीना मुहाल हो गया है, वह सपना बनकर रह गया है। इसी सपने को साकार करने की सार्थक कोशिशें हैं, उनकी कहानियां। ये कथा - चित्र जीवन और जगत के समस्त सरोकारों को समेटते हुए एक ऐसा फलक बनाते हैं, जिस पर सच्ची और ईमानदार तस्वीरें ही उकेरी जा सकें। ये कहानियां पाठक के भीतर उतरकर उद्वेलित करती हैं और उसे उजालों की तरफ़ ले जाने का प्रयास करती हैं। समकालीन हिन्दी साहित्य के प्रख्यात लेखक नरेन्द्र कोहली का जन्म 1940 में स्यालकोट, पंजाब (अब पाकिस्तान में) में हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. और पी - एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। दिल्ली के पी.जी. डी.ए.वी. (सान्ध्य) काॅलेज से नौकरी शुरू करके 1965 में मोतीलाल नेहरू कॉलेज में पहुँच गए और यहीं से स्वैच्छिक अवकाश प्राप्त कर लिया। उन्होंने उपन्यास, कहानी, नाटक और व्यंग्य में सतत लेखन किया।

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